राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्ट्स लिमिटेड ("मिनी रत्न" केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) ग्रामीण भारत का उत्थान, इलेक्ट्रॉनिक्स, अक्षय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान के माध्यम से
रील, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक 'मिनी रत्न'' सीपीएसई है, ने केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, पिलानी (सीएसआईआर), भारत सरकार के साथ दूध मे मिलावट की जांच के लिए हैंडहेल्ड संयंत्र दृ क्षीर टेस्टर, दुग्ध संरचना और दुग्ध में वसा परीक्षक के विश्लेषण के लिए रैपिड मिल्क एलाइज़र और हैंडहेल्ड मिल्क फेट टेस्टर की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया। इस समझौता ज्ञापन पर, डॉ. गिरीश साहनी, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सचिव, डीएसआईआर और श्री ए. के. जैन, प्रबंध निदेशक, राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) की अनुग्रह उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर श्री ए. के. जैन, प्रबंध निदेशक, रील ने कहा कि कंपनी सीएसआईआर-सीईईआरआई के साथ 2 दशकों से अधिक जुडी हुई हैं। सीईईआरआई और रील द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए इलेक्ट्रॉनिक मिल्क एडल्ट्रेशन टेस्टर लगभग एक दशक पहले शुरू किए गए संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। रील भारतीय डेयरी उद्योग की आवश्यकताओं के लिए प्रभावी लागत, विश्वसनीय समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल और प्रोत्साहन के लिए सीएसआईआर सीईईआरआई के माध्यम से काम करना जारी रखेगा। जिन उत्पादों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं वे न केवल डेयरी उद्योग की जरूरतों को पूरा करेंगे बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को भी पूरा करेंगे।
श्री जैन ने यह भी बताया कि भारत में अनुसंधान प्रयोगशालाओं को उद्योग के साथ और अधिक सामंजस्य से काम करना चाहिए, ताकि उत्पादों को उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित किया जा सके और भारत में राष्ट्रीय कार्यक्रम मेक इन इण्डिया को सफल बनाया जा सके।
प्रबंध निदेशक, श्री ए. के. जैन ने आश्वासन दिया कि रील सदैव भारतीय डेयरी उद्योग को केंद्रित करते हुए, अपने इस तरह के दूध विश्लेषक उपकरणों को, जो कि भारतीय दुग्ध उद्योग एवं देश के समग्र विकास मे सहायक है के लिए प्रयासरत रहेगी। निरंतर वृद्धि के साथ वर्ष 1981 में अपनी स्थापना के बाद से कंपनी के पास पेशेवर प्रबंधन और लगातार लाभदायक संचालन का प्रगतिशील ट्रैक रिकॉर्ड है। श्री जैन ने बताया कि प्रौद्योगिकी के नवाचार समाधान के उपयोग का, रील के त्वरित विकास मे अभिन्न योगदान है। हमारा उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा संरक्षण, समग्र सूचना एवं आर्थिक स्वतन्त्रता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय मिशनों को ध्यान मे रखते हुए मिशन मोड में काम करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स, अक्षय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल, विश्वसनीय एवं सस्ते उत्पादों और समाधानों के माध्यम से उभरती हुई आवश्यकताओ को पूरा करना है, जो हमारे ग्रामीण भाइयों और राष्ट्र को बड़े पैमाने पर सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
श्री ए.के. जैन, प्रबंध निदेशक, रील और श्री गिरीश साहनी, डीजी, सीएसआईआर ने दोनों संगठनों को प्रौद्योगिकी को सफल बनाने में परस्पर समर्थन देने का आश्वासन दिया।
श्री ए. के. जैन, प्रबंध निदेशक, रील, श्री गिरीश साहनी, महानिदेशक, सीएसआईआर और श्री शांतनु चौधरी, डायरेक्टर सीएसआईआर-सीईईआरआई ने, श्री आर.के. गुप्ता, महाप्रबंधक के नेत्रत्व मे कार्यरत रील की आरएंडडी टीम और श्री पीसी पंचारिया, वरिष्ठ प्रिंसिपल वैज्ञानिक, सीएसआईआर सीईईआरआई, को बड़े पैमाने पर डेयरी उद्योग और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास में उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।