राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्ट्स लिमिटेड ("मिनी रत्न" केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) ग्रामीण भारत का उत्थान, इलेक्ट्रॉनिक्स, अक्षय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान के माध्यम से
राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्ट्स लिमिटेड, (रील) जयपुर में ’’वार्षिक व्यवसायिक मीट‘‘ व ’’वार्षिक उद्बोधन’’ का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य कार्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियो व कर्मचारियों ने भाग लिया। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों व विभागाध्यक्षों द्वारा प्रेजेंटेशन के जरिये वित्तीय वर्ष 2017-18 की उपलब्धियों, चुनौतियों, नयी तकनीक पर आधारित कार्यों एवं वर्ष 2018-19 की कार्य योजनाओं पर चर्चा की गई। इस अवसर पर रील के प्रबन्ध निदेशक श्री ए.के. जैन ने समस्त अधिकारियों खास तौर पर क्षेत्रीय अधिकरियों का उत्साहवर्धन किया जो कि कम्पनी के "ब्रांड-एम्बेसेडर" है।
श्री जैन ने कहा कि रील ने इनोवेशन के माध्यम से ऐसे उपकरण और सेवाएँ प्रदान की हैं जिससे हर व्यक्ति, हर संगठन सशक्त बन सकें। रील ने इतिहास बनाते हुए टेक्नोलॉजी को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाया है और रील ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए पूरी तरह समर्पित है।
उन्होन यह भी बताया कि रील ने अपने काम से दुनियाभर में पहचान बनाई है, जिसके फलस्वरूप पिछले सात वर्षो में कम्पनी का टर्नओवर दोगुना, प्रॉफिट 7 गुना व नेटवर्थ 5 गुना तक बढकर 100 करोड से भी ज्यादा हो गई है। श्री जैन ने अधिकारियो से कहा कि इसी समर्पण की भावना से काम करते हुए हमें इस सफलता को आगे तक ले जाना है और नई ऊँचाईयों को छूना है। उन्होने आगे कहा कि, नए अवसरो की तलाश के साथ ही हमें अपने एक्सपोर्ट बिजनेस को बढाने की जरूरत है, जिससे भविष्य में आने वाली आर्थिक चुनौतियों का सामना किया जा सकें।
इसी क्रम में श्री जैन ने अपने "वार्षिक उद्बोधन " व "वार्षिक व्यवसायिक मीट" को संबोधित करते हुए कम्पनी के कर्मचारियों व अधिकारियों को अगले वर्ष तथा विजन 2022 को ध्यान में रखकर कर्तव्यनिष्ठा से काम करने के लिए उनका उत्साहवर्धन किया, जिससे कम्पनी विजन 2022 में 1000 करोड के चुनौतिपूर्ण कारोबारी लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। श्री जैन ने कहा कि कम्पनी भारत सरकार के मेक इन इंडिया मिशन तथा किसानों की आमदनी दो गुनी करने के तहत प्रतिवर्ष लगभग 15000 गाँवो तक अपना व्यवसाय बढाने की योजना है।