राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्ट्स लिमिटेड ("मिनी रत्न" केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) ग्रामीण भारत का उत्थान, इलेक्ट्रॉनिक्स, अक्षय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान के माध्यम से
श्री ए.के. जैन, प्रबन्ध निदेशक को हिंदी भाषा के प्रचार एवं प्रसार में महती भूमिका के लिये “हिन्दी दिवस” 14 सितम्बर 2018 को हिंदी परिषद ने केंद्रीय राजभाषा विभाग एवं मानव संसाधन मंत्रालय के तत्वाधान में रील के प्रबन्ध निदेशक श्री ए. के. जैन को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में "राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हिंदी सेवा सम्मान-2018" से नवाज़ा गया। यह सम्मान भारत सरकार के माननीय राज्य मंत्री (संसदीय मामले एवं सांख्यिकी और कार्यान्वयन मंत्रालय) श्री विजय गोयल द्वारा अन्य गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में दिया गया।
इस अवसर पर श्री ए.के. जैन सभा को सम्बोधित किया तथा बताया कि कम्पनी ने राजभाषा हिंदी में कार्य करते हुए तकनीकी के माध्यम से अपने व्यवसाय को पूरे देश में फैलाया है। उन्होने बताया कि हिन्दी भारत के जन-जन की भाषा है, हमारे अंतःकरण की भाषा है। विश्व परिदृश्य पर राजभाषा हिन्दी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है आज विश्व की सारी बड़ी कम्पनी जैसे ऐपल, माइक्रसोफ़्ट एवम् गूगल अपने सॉफ़्ट्वेर हिन्दी में विकसित करके भारतीय बाज़ार में अपनी पहुँच सुनिश्चित कर रहे है। उपक्रम रील भी अपने ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों के लिए अपने तकनीकी उत्पादों के सॉफ्टवेयर्स को हिन्दी भाषा में तैयार किया गया है ताकि हिन्दी भाषी उपयोगकर्ताओं को उत्पादों के उपयोग करने में आसानी रहें।
श्री ए.के. जैन ने बताया कि उपक्रम के सभी कर्मचारीगण राजभाषा हिन्दी में कार्य करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है एवं हिन्दी का संवर्धन करने हेतु प्रयासरत है। उन्होने यह भी बताया कि रील एवं अन्य सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा वर्तमान में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा हिन्दी के उचित मान-सम्मान हेतु कृत-संकल्पित उद्देश्यों एवं दिशानिर्देशों की अनुपालना में कार्य किया जा रहा है।
श्री जैन ने, उनको "राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हिंदी सेवा सम्मान-2018” से सम्मानित करने पर हिंदी परिषद, केंद्रीय राजभाषा विभाग एवं मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार का आभार व्यक्त किया साथ कम्पनी के सभी कर्मचारियों को बधाई दी।